Paris Paralympics में 30 अगस्त से शुरू हुई व्हीलचेयर टेनिस स्पर्धाओं का समापन सात सितंबर को पेरिस के रोलां गैरां स्टेडियम में होगा जो अपने क्ले कोर्ट के लिए जाना जाता है।पैरालिंपिक्स 2024 के लिए गूगल ने व्हीलचेयर टेनिस को समर्पित एक विशेष डूडल जारी किया है, जो इस खेल की अनूठी विशेषताओं और इसके प्रति लोगों के उत्साह को दर्शाता है। व्हीलचेयर टेनिस एक ऐसा खेल है जिसे शारीरिक रूप से विकलांग एथलीट्स के लिए डिज़ाइन किया गया है, लेकिन इसका कौशल और चुनौतीपूर्ण प्रकृति इसे सभी के लिए प्रेरणादायक बनाती है। इस लेख में हम व्हीलचेयर टेनिस के इतिहास, नियम, इसकी विशिष्टताओं और इसे पैरालिंपिक्स में शामिल करने की यात्रा के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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व्हीलचेयर टेनिस का इतिहास
व्हीलचेयर टेनिस की शुरुआत 1976 में हुई जब अमेरिकी एथलीट ब्रैड पार्क्स ने इस खेल को विकसित किया। ब्रैड पार्क्स, जो खुद एक व्हीलचेयर उपयोगकर्ता थे, ने इस खेल को विकसित करने के पीछे एक महत्वपूर्ण उद्देश्य था: शारीरिक विकलांगता के बावजूद लोगों को खेलों में सक्रिय भागीदारी करने का मौका देना। उन्होंने अन्य टेनिस खिलाड़ियों और विकलांग एथलीटों के साथ मिलकर इस खेल को लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया।
1980 के दशक में इस खेल ने तेजी से लोकप्रियता प्राप्त की और 1988 में इसे पहली बार पैरालिंपिक्स में शामिल किया गया। यह खेल न केवल एथलीट्स के लिए शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण है, बल्कि मानसिक रूप से भी यह एक कठिन खेल है, जिसमें रणनीति और तकनीक का गहरा महत्व होता है।
पेरिस पैरालिंपिक 2024
पेरिस पैरालिंपिक के बीच गूगल ने 3 सितंबर को पेरिस पैरालिंपिक 2024 में व्हीलचेयर टेनिस का जश्न मनाने के लिए एक विशेष गूगल डूडल का अनावरण किया है।
1976 में यूएस फ्रीस्टाइल स्कीयर ब्रैड पार्क्स द्वारा स्थापित, व्हीलचेयर टेनिस टेनिस के समान नियमों का पालन करता है लेकिन कुछ संशोधनों के साथ अपनाया गया हैगूगल ने अपने डूडल से व्हीलचेयर टेनिस का जश्न मनाकर खिलाड़ियों के एथलेटिक कौशल और दृढ़ संकल्प का सम्मान करने की कोशिश की है। गूगल एंगेज्ड डूडल में एनिमेटेड बर्ड्स को दिखाया गया है।
In the doodle, google showed two birds playing the tennis in a wheelchair in the pristine Parisian garden of Jardin du Palais Royal, or Jardin des Tuileries.
The wheelchair tennis events, which started on 30 August in the Paris Paralympics, will end on 7 September at the Roland Garros Stadium in Paris, known for its clay court. The tournament features singles and doubles matches in the men’s, women’s, and quads categories.3 सितंबर को, जापानी टेनिस खिलाड़ी युई कामीजी, फ्रांस की D.De ग्रोट और चीन की जेड वाई वांग महिला एकल में सेमीफाइनल में आगे बढ़े। जबकि चीन की एक्सएच ली और फ्रांस की ए वान कूट के बीच मैच चल रहा है।
विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते व्हीलचेयर खेल:
अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (IPC) के अनुसार, व्हीलचेयर टेनिस दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते व्हीलचेयर खेलों में से एक है।
1980 के दशक में इसने गति प्राप्त की, जब फ्रांस एक विशिष्ट व्हीलचेयर टेनिस कार्यक्रम विकसित करने वाला यूरोप का पहला देश बन गया।
व्हीलचेयर टेनिस को पहली बार बार्सिलोना 1992 पैरालिंपिक में पेश किया गया था।हालांकि कोर्ट, रैकेट या टेनिस गेंदों के आकार को संशोधित नहीं किया गया है, नियम अलग हैं, जिसमें ‘टू-बाउंस नियम’ भी शामिल है, जो गेंद को हिट होने से पहले दो बार उछालने की अनुमति देता है।पैरालंपिक के अलावा, एथलीट ग्रैंड स्लैम: ऑस्ट्रेलियन ओपन, रोलैंड गैरोस, विंबलडन और यूएस ओपन, साथ ही एकल और युगल मास्टर्स सहित टूर्नामेंट की एक श्रृंखला में प्रतिस्पर्धा करते हैं।
व्हीलचेयर टेनिस के नियम
व्हीलचेयर टेनिस के नियम पारंपरिक टेनिस के नियमों से बहुत अधिक भिन्न नहीं हैं। इस खेल में भी समान आकार का कोर्ट, नेट और रैकेट का उपयोग किया जाता है। हालांकि, इस खेल के लिए कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं जो इसे विकलांग एथलीटों के लिए अनुकूल बनाते हैं:
1- दूसरी बाउंस की अनुमति: व्हीलचेयर टेनिस में, खिलाड़ी को गेंद को दूसरी बार बाउंस करने की अनुमति होती है, जबकि सामान्य टेनिस में केवल एक बार बाउंस की अनुमति होती है। दूसरी बाउंस का नियम खिलाड़ियों को कोर्ट पर अधिक समय और लचीलापन प्रदान करता है।
2- व्हीलचेयर के साथ कोर्ट पर चलने की स्वतंत्रता: खिलाड़ी अपने व्हीलचेयर को कोर्ट पर किसी भी दिशा में घुमा सकते हैं, और वे इसे खेल का एक अभिन्न अंग मानते हैं। खिलाड़ी अपने व्हीलचेयर की गति और दिशा को नियंत्रित करने में विशेषज्ञता हासिल करते हैं, जो उनके खेल प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
3- समान उपकरण: व्हीलचेयर टेनिस में इस्तेमाल होने वाले रैकेट, बॉल और कोर्ट के आयाम पारंपरिक टेनिस की तरह ही होते हैं। यह खिलाड़ियों के बीच एक समान स्तर पर मुकाबला सुनिश्चित करता है, जहां केवल व्हीलचेयर का उपयोग एकमात्र अंतर होता है।
खेल की विशेषताएँ और चुनौतियाँ
व्हीलचेयर टेनिस में शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की क्षमता का समन्वय अत्यंत महत्वपूर्ण है। खिलाड़ियों को न केवल गेंद की दिशा और गति का अनुमान लगाना होता है, बल्कि उन्हें अपने व्हीलचेयर को तेज गति से घुमाकर सही समय पर गेंद को हिट करना होता है। यह खेल खिलाड़ियों की सहनशक्ति, गति, और रणनीतिक सोच की मांग करता है।
इस खेल की एक और विशेषता यह है कि इसमें शामिल एथलीट अपने व्हीलचेयर को व्यक्तिगत रूप से अनुकूलित करते हैं ताकि वे अपने खेल में अधिकतम दक्षता प्राप्त कर सकें। यह व्हीलचेयर की संरचना, वजन, और संतुलन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
पैरालिंपिक्स में व्हीलचेयर टेनिस
व्हीलचेयर टेनिस ने 1988 में सियोल पैरालिंपिक्स में अपनी शुरुआत की और तब से यह पैरालिंपिक्स का एक स्थायी हिस्सा बन गया है। इस खेल ने विभिन्न देशों के एथलीट्स को वैश्विक मंच पर अपने कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर दिया है। समय के साथ, इस खेल में प्रतिस्पर्धा और अधिक तीव्र हो गई है, और इसमें भाग लेने वाले खिलाड़ियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।
भारत में व्हीलचेयर टेनिस
भारत में व्हीलचेयर टेनिस धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है, और कई भारतीय एथलीट इस खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम बना रहे हैं। हालांकि, इसे अभी भी मुख्यधारा में अधिक स्वीकृति और समर्थन की आवश्यकता है। भारतीय व्हीलचेयर टेनिस संघ (IWTA) इस खेल को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है और देश के विभिन्न हिस्सों में टूर्नामेंट और प्रशिक्षण शिविर आयोजित करता है।
व्हीलचेयर टेनिस के प्रमुख खिलाड़ी
व्हीलचेयर टेनिस में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपनी असाधारण प्रतिभा से इस खेल को एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया है। इनमें से कुछ प्रमुख खिलाड़ियों में जापान के शिंगो कुनिएदा और नीदरलैंड की एस्तेर वीरजे़र शामिल हैं। शिंगो कुनिएदा ने पुरुषों की श्रेणी में कई ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं और उन्हें इस खेल के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। वहीं, एस्तेर वीरजे़र ने महिलाओं की श्रेणी में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है और वह इस खेल की सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक हैं।
व्हीलचेयर टेनिस के प्रति जागरूकता और भविष्य
व्हीलचेयर टेनिस के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न संगठन और संस्थाएं कार्यरत हैं। गूगल द्वारा जारी किया गया यह विशेष डूडल भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इस खेल के प्रति लोगों के बीच रुचि और जागरूकता बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।
भविष्य में, व्हीलचेयर टेनिस के प्रति बढ़ती रुचि और समर्थन इसे और अधिक लोकप्रिय बना सकती है। इसके साथ ही, इस खेल के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, उपकरण, और प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराना भी आवश्यक है ताकि अधिक से अधिक लोग इस खेल में भाग ले सकें और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर सकें।
निष्कर्ष
व्हीलचेयर टेनिस एक ऐसा खेल है जो न केवल शारीरिक विकलांगता के बावजूद एथलीट्स को उनकी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि इच्छाशक्ति और समर्पण से कोई भी बाधा पार की जा सकती है। पैरालिंपिक्स में इसकी उपस्थिति और गूगल द्वारा इसे समर्पित डूडल इस बात का प्रमाण है कि यह खेल अपने खिलाड़ियों की भावना और कौशल का सम्मान करता है। आने वाले समय में, इस खेल की लोकप्रियता और भी बढ़ेगी, और यह और अधिक एथलीट्स को प्रेरित करेगा।